नई दिल्ली।। कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगे के दौरान करावल नगर इलाके में ऑटो में आगजनी व दो ऑटो चालकों से हुई लूट के दो आरोपितों को बरी कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला के कोर्ट ने आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य न होने की वजह से वीरेंद्र और रोहित को बरी कर दिया। मोहनीश हुसैन ने पुलिस को बताया था कि 24 फरवरी 2020 को वह ऑटो लेकर कालीघटा रोड पर खड़े थे। तभी दंगाई भीड़ आई और उनके ऑटो में आग लगा दी, उनसे नकदी व मोबाइल लूट लिया था।
इस मामले में पुलिस ने आगजनी, लूट, दंगाई भीड़ का हिस्सा होने समेत कई धाराओं में प्राथमिकी की थी। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपित रंजीत सिंह, सोनू, वीरेंद्र और रोहित को गिरफ्तार किया था। सोनू की केस की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी कोर्ट ने रंजीत के खिलाफ कार्रवाई निरस्त कर दी थी। भीड़ ने दो ऑटो चालकों के साथ की थी लूटपाट
इन चारों पर आरोप था कि फरवरी 2020 में करावल नगर में हुए दंगे में यह दंगाइयों का हिस्सा थे। भीड़ ने दो ऑटो चालकों के साथ लूटपाट की थी, एक ऑटो को आग के हवाले कर दिया था। पुलिस की तरफ से कोर्ट में आरोपितों के खिलाफ ठोस सुबूत पेश नहीं किए गए। जिसके चलते कोर्ट ने दोनों आरोपितों को बरी कर दिया।